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बुधवार, 6 जुलाई 2011

मैं आम आदमी हूँ

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मै खरीद के आम ला नहीं सकता, शक्कर इतनी महंगी कि ख़ुशी में भी मीठा मँगा नहीं सकता।
मै भूखा रह नहीं सकता, और इस महंगाई में पेट भर खा नहीं सकता
अब तो बिना चेकिंग कराये में भगवान के दर भी जा नहीं सकता,
आरक्षण का डंक ऐसा कि, कितना भी पढ़ लूँ मैं अव्वल आ नहीं सकता।
घुटनों में रहता है दर्द हमेशा, पर मैं महंगे पेट्रोल का खर्चा भी उठा नहीं सकता
सपने रोज बुनता हूँ आशियाना बनाने के, लेकिन बढती ब्याज दरें, अब EMI चुका नहीं सकता।
मैं आम आदमी हूँ ...
किसी को भी सरताज बना सकता हूँ? मैं आम को खास बना सकता हूँ ,
लेकिन फिर उस खास तक अपनी आवाज़ पंहुचा नहीं सकता ...
मुझे क़दमों तले रख के ही सभी आगे बढ़ जाते है...
कभी मुझे 'being human' तो कभी 'india against corruption' दिखाते है
मै नहीं जानता लोकपाल, न ही काला धन देखा है कभी,
फिर भी उनके सुर में ताल मिलाता हूँ, क्यूंकि "बड़ा" कभी गलत बात सीखा नहीं सकता।

मैं आम आदमी हूँ ....
में भीड़ में खो रहा हूँ, आजाद होने का सारा क़र्ज़ टूटे कंधों पे ढो रहा हूँ
रोज पानी पीने के लिए कुआँ मै खोद नहीं सकता ...
मुस्कराते है मुझे देख के लोग, खुल के इसलिए रो नहीं सकता...

मैं आम आदमी हूँ ....
मुझ से मिलना जो चाहो तुम तो चले आना मै मिलूँगा तुम्हे ....

कभी फूटपाथ पे किसी बड़ी गाडी के निचे,तो कभी भीड़ में सफ़ेद कपडे के पीछे
कभी रामलीला में मार खाते हुए तो कभी सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाते हुए
कभी मिलूँगा प्रशासन से डरता हुआ, तो कभी भूख से बिलख बिलख के मरता हुआ
कभी किसी साधू के पीछे तो कभी किसी नेता के पीछे
अक्सर मिल जाऊंगा तुम्हे किसी बड़ी ईमारत कि नींव के नीचे.

कभी अनशन में तो कभी भाषण में, कभी भिखारी कि तरह खड़ा राशन में।
कभी किसी कवि कि लेखनी में "दरिद्र", तो कभी बना "राजा" कहानी किस्सों में
कभी मिलूँगा पेड़ पे लटका सीधा, तो कभी बम से बँटा हिस्सों हिस्सों में
कभी मिल जाऊँगा खाली जेब टटोलते हुए, कभी खाली डब्बों को बार बार खोलते हुए।
मिल जाऊँगा बसों ट्रेनों कि छत के ऊपर, किसी बेरंग पुराने ख़त के उपर
कभी देश के "दुश्मनों" कि "गोली" खाते हुए, कभी देश के "सिपहसलारों" कि "गाली" खाते हुए।
आज कल जरा फ़ालतू हूँ मिल जाऊँगा हर नुक्कड़ पे काले धन, भ्रष्टचार पे बतियाते हुए।
मैं आम आदमी हूँ, मुझे चाह के भी कोई मंजिल दिला नहीं सकता,
मेरा जन्म हुआ है दुःख भोगने के लिये, कोई मुझे मेरे सपनों से मिला नहीं सकता।

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