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सोमवार, 4 जुलाई 2011

बादल का एक टुकडा आकर के बोला

बादल का एक टुकडा आकर के बोला
देख चाँद लेकर आया हूँ तेरे लिए
मैंने देखा उसे करीब से
और आँखों में सजा लिया
एक हसीन ख्वाब सजा कर के आँखों में
वो मतवाला हो गया उड़न छू
अभी रहने दो मुझे नीद में
देखने दो मुझे ख्वाब
फिर क्या पता
नींद आये ना आये
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किसी की आँखों मे मोहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा कि कोई शक्स हमारा
होगा
कोई जहाँ मेरे लिए मोती भरी सीपियाँ चुनता होगा
वो किसी और
दुनिया का किनारा होगा
काम मुश्किल है मगर जीत ही लूगाँ किसी दिल
को
मेरे खुदा का अगर ज़रा भी सहारा होगा
किसी के होने पर मेरी
साँसे चलेगीं
कोई तो होगा जिसके बिना ना मेरा गुज़ारा होगा
देखो
ये अचानक ऊजाला हो चला,
दिल कहता है कि शायद किसी ने धीमे से मेरा नाम
पुकारा होगा
और यहाँ देखो पानी मे चलता एक अन्जान साया,
शायद
किसी ने दूसरे किनारे पर अपना पैर उतारा होगा
कौन रो रहा है रात के
सन्नाटे मे
शायद मेरे जैसा तन्हाई का कोई मारा होगा
अब तो बस उसी
किसी एक का इन्तज़ार है,
किसी और का ख्याल ना दिल को ग़वारा होगा

ज़िन्दगी! अब के ना शामिल करना मेरा नाम
ग़र ये खेल ही दोबारा होगा
जानता
हूँ अकेला हूँ फिलहाल
पर उम्मीद है कि दूसरी ओर ज़िन्दगी का कोई और ही
किनारा होगा
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आँसू में ना ढूँदना हूमें,
दिल में हम बस जाएँगे,
तमन्ना हो अगर मिलने की,
तो बंद आँखों मैं नज़र आएँगे.
लम्हा लम्हा वक़्त गुजर जाएँगा,
चँद लम्हो में दामन छूट जाएगा,
आज वक़्त है दो बातें कर लो हमसे,
कल क्या पता कौन आपके ज़िंदगी में आ जाएगा.
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं,
दिल का दर्द किससे दिखाए,
मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं,
वक़्त तो हमें भुला चुका है,
मुक़द्दर भी ना भुला दे,
दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते,
क्यू के डरते हैं,
कोई फिर से ना रुला दे,
ज़िंदगी मैं हमेशा नये लोग मिलेंगे,
कहीं ज्यादा तो कहीं काम मिलेंगे,
ऐतबार ज़रा सोच कर करना, मुमकिन नही हर जगह तुम्हे हम मिलेंगे.
खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाएँगे,
शुकुन बन कर दिल मे उतर जाएँगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर होते हुए भी पास नजर आएँग !!!!!!!!!!!
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ऐ दोस्त तेरी दोस्ती का रिश्ता बहुत गहरा है
न जाने किस उम्मीद पर दिल ठहरा है
ऐ दोस्त यह रूह से रूह की गहराईयों का रिश्ता है
जो रिश्तों से परे मोहब्बत की डोर से बंधा है
ऐ दोस्त यह एक प्यारा सा मासूमियत का रिश्ता है
जिसमे रूठकर मनाने का एक सिलसिला है
ऐ दोस्त यह पाक इरादों का रिश्ता है
जिसमे दिल हर वक्त तेरी खुशियों की दुआ करता है
ऐ दोस्त यह एक गुमनाम सा रिश्ता है
जो लोगों की रुस्वायिओं से डरता है
ऐ दोस्त यह तेरा नहीं न ही मेरा रिश्ता है
यह तो उस खुदा का प्यारा सा रिश्ता है
ऐ दोस्त यह दूरियों और फासलों से परे का रिश्ता है
जिसमे हरदम तू ही तू मेरे पास हुआ करता है
ऐ दोस्त यह उन ख्वाहिशों और तमन्नाओं का रिश्ता है
जिसमे दिल हर वक्त तुझसे मिलने की दुआ करता है
ऐ दोस्त यह ख्यालों में खुदा को पाने का रिश्ता है
क्योंकि खुद खुदा तुझमे ही दिखता 

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