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शुक्रवार, 17 जून 2011

हंसी की तरह हम से बेवफ़ा है

मेरी fजदगी एक खुली किताब है,
आँखों में मेरे लाखो ख्वाब है|
खुशियों को उंगलियों में गिना दूं,
मगर गम मेरे जिंदगी में बेहिसाब है|

लेकिन फिर भी.......................


"हमारी जिंदगी का कुछ ऐसा फ़लसफा है,
हमारे लबों की तबस्सुम हम ही से ख़फा है|
फिर भी चहरे पे शिकन के निशां नहीं,
कम्बख्त ग़म भी हंसी की तरह हम से बेवफ़ा है|"
 
 
 
 
Unke naino ke aashiyane mein hum kahi kho se gaye
Unki hasin in baaho mein hum kahi so se gaye
Ab toh pyar ki lehron ne hume kuch bhiga sa diya
Aur unke karib lakar pyar ka sapna saja sa diya

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