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मंगलवार, 21 जून 2011

मोहब्बत कोई सवाल नहीं.......??

मैं साहिल पे लिखी हुई इबारत नहीं,
जो लहरों से मिट जाती है,
मैं बारिश की बरसती बूँद नहीं,
जो बरस कर थम जाती है,
मैं ख्वाब नही,
जिसे देखा और भुला दिया,
मैं शमां नहीं,
जिसे फूँका और बुझा दिया,


मैं हवा का झोंका नहीं,
जो आया और गुजर गया,

मैं चाँद भी नहीं,
जो रात के बाद ढल जाये,
मैं तो वो अहसास हूँ,
जो तुझमे लहू बनके गर्दिश करे,
मैं तो वो रंग हूँ,
जो तेरे दिल पे चढ़े तो कभी न मिटे,
मैं वो गीत हूँ,
जो तेरे लबों से जुदा ना होगा,
मैं तो वो परवाना हूँ,
जो जलता रहेगा मगर फ़ना ना होगा,
ख्वाब, इबारत, हवा की तरह,
चाँद, बूँद, शमा की तरह,
मेरे मिटने का सवाल नहीं,
क्योंकि
मैं तो मोहब्बत हू
और


मोहब्बत कोई सवाल नहीं.......??


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ख़ुद को इस दिल में बसाने की इजाज़त दे दो !
 मुझको तुम अपना बनाने की इजाज़त दे दो !!

 तुम मेरी जिंदगी का एक हसीं लम्हा हो !
 फूलों से ख़ुद को सजाने की इजाज़त दे दो !!
 मैं कितना चाहता हूँ किस तरह बताऊँ तुम्हे !
 मुझे ये आज बताने की इजाज़त दे दो !!
 तुम्हारी रात सी जुल्फों में चाँद सा चेहरा !
 मुझे यह शाम सजाने की इजाज़त दे दो !
 मुझे क़ैद कर लो अपने इश्क में !
 ये जान तुम पे लुटाने की इजाज़त दे दो !!
नही है शौक उसको भूलने का मगर !
 मुझे ये दुनिया भूलने की इजाज़त दे दो !!

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